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सफ़ेद बाल / मरीना स्विताएवा / वरयाम सिंह

अपमान और अभावों के भण्डारों की —
यह राख है ।
यह राख है जिसके सामने
पत्थर भी राख हो जाते हैं ।

निर्वस्त्र और उजली फ़ाख़्ता
अकेली निःसंग ।
महा अहंकार पर
यह राख है सोलोमन<ref>दसवीं सदी में इस्राइल का एक सम्राट, जिसने भौतिक और इहलौकिक सुखों का जीवनभर आनन्द लेने के बाद बुढ़ापे में उन्हें सारहीन बताया था।</ref> की ।

अन्तहीन काल की
यह डरावनी लिखावट
यानी ईश्वर खड़ा है मेरे द्वार पर
यदि जल गया है घर !

काठ-कबाड़ में अभी घोंटा नहीं गया है गला
सपनों और दिनों के मालिक का,
सीधी लौ जैसी यह
आत्मा है सफ़ेद बालों की ।

मूल रूसी से अनुवाद : वरयाम सिंह

शब्दार्थ
<references/>