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समझेगा कौन हमको इतना ज़रा बता दो / पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"
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समझेगा कौन हमको इतना ज़रा बता दो
किस बात पे हैरां हो इतना ज़रा बता दो
देखा है जब से तुमको दिल तुम पे आ गया है
जाएं तो किस जहां को इतना ज़रा बता दो
हमसे ख़फ़ा न होंगे वादा किया था तुमने
ख़ामोश क्यूं हुए हो इतना ज़रा बता दो
कहना है जितना आसां मुश्किल है क्य़ूं निभाना
हम पूछते हैं तुमको इतना ज़रा बता दो
ख़ामोश हैं निगाहें गुमसुम सी क्यूं तुम्हारी
"आज़र" ज़रा सा ठहरो, इतना ज़रा बता दो