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सुनो तथागत / सुनो तथागत / कुमार रवींद्र

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सुनो तथागत!
एक नया युग आने वाला है
 
पेड़ मरेंगे
और तुम्हारा बोधिवृक्ष भी
नहीं रहेगा
अगला युग तो
पोथीवाली हरियाली की
बात कहेगा
 
तितली की
अगली नस्लों का रँग भी काला है
 
लोग करेंगे
दूजों के दुख से अपना बहलाव
यही सच
और कहेंगे -
जो कुछ करते युग के राजा-राव
वही सच
 
आसमान तक
हमने बाँधा अपना जाला है
 
धरती पर
जो सूर्य उगेगा
वह भी होगा अलग किसिम का
मंत्र जपेगी अगली पीढ़ी
छिपे खजानों के
'सिमसिम' का
 
बोधिवृक्ष पर
चमगादड़ ने डेरा डाला है