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सोच / ब्रजेश कृष्ण
Kavita Kosh से
सोचूँ तो बहुत कुछ है
सोचने को मेरे पास
मसलन यह कि
बहसें और गपशप करते दोस्तों
के जाने के बाद
क्या बचता है मेरे पास?
मसलन यह कि
ठीक सामने की दीवार पर
कीड़ा खाती हुई छिपकली
मुझसे इतनी निडर
कब और कैसे हो गयी?
मसलन यह भी कि
कूड़े के ढेर से अपनी
आँखें बीनती वह छै बरस की लड़की
क्या सोचती है मेरी बेटी के बारे में?
सोचूँ तो सचमुच बहुत कुछ है
सोचने को मेरे पास
मसलन यही कि
दोस्तों की गपशप
कीड़ा खाती छिपकली
और आँखें बीनती लड़की में
आखि़र क्या सम्बन्ध है?