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स्वाद में हस्तक्षेप / शलभ श्रीराम सिंह
Kavita Kosh से
चारे में
गुलाब की पँखुड़ियों का स्वाद मिला
भैंसों को आज ।
आज मनुष्य की लापरवाही से हुआ
पशुओं के स्वाद में हस्तक्षेप
सम्वेदना में हस्तक्षेप हुआ
पशुओं की आज ।
भैंसों का पूरा दिन बीता
गुलाब की पँखुड़ियों की पहचान पर
बात करते
बात करते उनके स्वाद पर
चरागाह में
गुलाबों की खोज करती रहीं वे
बिना चरे
बिना चरे मग़ज़मारी करती रहीं
पंखुड़ियों की रंगत पर,
ख़ुशबू को लेकर माथा मारती रहीं दिन भर
मनुष्य की लापरवाही से
ख़राब हुआ भैंसों का एक पूरा दिन ।
रचनाकाल : 1991 विदिशा