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उन हाथों से परिचित हूँ मैं / शलभ श्रीराम सिंह
Kavita Kosh से
उन हाथों से परिचित हूँ मैं
शलभ श्रीराम सिंह की कविताओं का संकलन
रचनाकार | शलभ श्रीराम सिंह |
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प्रकाशक | रामकृष्ण प्रकाशन, सावित्री सदन, तिलक चौक, विदिशा [म.प्र.]-464001 |
वर्ष | प्रथम संस्करण फरवरी 1993 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 128 |
ISBN | |
विविध | सर्वाधिकार कु0 संज्ञा सिंह |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- स्त्री / शलभ श्रीराम सिंह
- आत्मकथ्य / शलभ श्रीराम सिंह
- भूमिका (हरिवंश सिलाकारी) / शलभ श्रीराम सिंह
- एक दिन / शलभ श्रीराम सिंह
- पृथ्वी के मोह-भंग का समय / शलभ श्रीराम सिंह
- बहुत दिनों तक / शलभ श्रीराम सिंह
- दिल्ली जाने का समय / शलभ श्रीराम सिंह
- दिल्लियाँ / शलभ श्रीराम सिंह
- दिल्ली में / शलभ श्रीराम सिंह
- कौन / शलभ श्रीराम सिंह
- एक दुनिया समानांतर / शलभ श्रीराम सिंह
- हमारी धरती कहाँ है? / शलभ श्रीराम सिंह
- सिक्कों से लड़ा जाने वाला युद्ध / शलभ श्रीराम सिंह
- यह रास्ता / शलभ श्रीराम सिंह
- डर / शलभ श्रीराम सिंह
- स्वप्न-कथन / शलभ श्रीराम सिंह
- अपने लिए / शलभ श्रीराम सिंह
- दण्डित होने के लिए / शलभ श्रीराम सिंह
- उजाले के पक्ष में / शलभ श्रीराम सिंह
- प्रतिप्रेम / शलभ श्रीराम सिंह
- प्रेमकविता / शलभ श्रीराम सिंह
- व्यर्थता / शलभ शीराम सिंह
- आगमन / शलभ श्रीराम सिंह
- संवाद मृत्यु का था / शलभ श्रीराम सिंह
- ख़ुद को छलने के लिए / शलभ श्रीराम सिंह
- चूक / शलभ श्रीराम सिंह
- जीने के लिए / शलभ श्रीराम सिंह
- बैठी होगी संज्ञा / शलभ श्रीराम सिंह
- प्रार्थना / शलभ श्रीराम सिंह
- बतियाता रहता हूँ उसी से / शलभ श्रीराम सिंह
- तुम्हारी दुनिया बड़ी हो रही है / शलभ श्रीराम सिंह
- उन हाथों से परिचित हूँ मैं (कविता) / शलभ श्रीराम सिंह
- तुमने कहाँ लड़ा है कोई युद्ध / शलभ श्रीराम सिंह
- नदी फ़िलहाल / शलभ श्रीराम सिंह
- अनुभव / शलभ श्रीराम सिंह
- उस दिन / शलभ श्रीराम सिंह
- आज कौन सी तारीख़ है? / शलभ श्रीराम सिंह
- पूर्वाभास / शलभ श्रीराम सिंह
- इतना क्या कम है ? / शलभ श्रीराम सिंह
- पहली बार / शलभ श्रीराम सिंह
- दो दरवाज़ों के बीच / शलभ श्रीराम सिंह
- स्त्री का अपने अंदाज़ में आना / शलभ श्रीराम सिंह
- सार्थकता / शलभ श्रीराम सिंह
- झुंझलाई लडकी के सवाल / शलभ श्रीराम सिंह
- मिला नहीं जा सकता हर किसी से / शलभ श्रीराम सिंह
- वहीं उचटेगी नींद / शलभ श्रीराम सिंह
- कटती रही रात / शलभ श्रीराम सिंह
- तुम्हारा अकेलापन / शलभ श्रीराम सिंह
- उतना ही है जीवन / शलभ श्रीराम सिंह
- प्रवेश किया तुमने / शलभ श्रीराम सिंह
- अनुभव किया जा सकता है तुमको / शलभ श्रीराम सिंह
- प्यार के दुर्दिन में / शलभ श्रीराम सिंह
- गुस्सा तुम्हारा / शलभ श्रीराम सिंह
- निजता के पक्ष में / शलभ श्रीराम सिंह
- केवल तुम / शलभ श्रीराम सिंह
- वापस आने के लिए / शलभ श्रीराम सिंह
- लड़की अकेली है इस वक़्त / शलभ श्रीराम सिंह
- ख़ुद को छिपाने की कोशिश में / शलभ श्रीराम सिंह
- पहले प्यार की तरह / शलभ श्रीराम सिंह
- प्यार ,प्यार है फिर भी / शलभ श्रीराम सिंह
- प्यार और युद्ध / शलभ श्रीराम सिंह
- ग़ज़ल / शलभ श्रीराम सिंह
- अपनी मर्ज़ी का एक क्षण / शलभ श्रीराम सिंह
- मारी गई तुम / शलभ श्रीराम सिंह
- पुनरावृत्ति / शलभ श्रीराम सिंह
- हो गया सर्वनाश / शलभ श्रीराम सिंह
- दैनिक उत्सर्ग / शलभ श्रीराम सिंह
- बचा रहा आदमी / शलभ श्रीराम सिंह
- औरों की तरह नहीं / शलभ श्रीराम सिंह
- तुम्हे छूकर / शलभ श्रीराम सिंह
- सहज का समादर / शलभ श्रीराम सिंह
- अपनी तस्वीर से निकल कर / शलभ श्रीराम सिंह
- चला जा रहा हूँ / शलभ श्रीराम सिंह
- विदा के समय / शलभ श्रीराम सिंह
- इस वक़्त / शलभ श्रीराम सिंह
- हे साँझ मैया ! / शलभ श्रीराम सिंह