हाथी नहीं तुफान इबकै इन नै देखैगा।
जो टक्कर म्हं आवैं उसे नै ठाकै ठोकैगा।...टेक
जब यो चालै सब कुछ हालै धरती भी या दल कै।
उसकी खैर नहीं इबकै जो ब.स.पा. कै खटकै।
हाथी की चोट वो जावै लोट पड़ा-पड़ा सरकै।
जान उसकी नै होगा खतरा जी छाती म्हं धड़कै।
उसकी नाड़ी कूणी म्हं जा ली वो श्मशान ए देखैगा...
हाथी नै तो इबकै बिगुल बजा दिया।
इनका करो रमान्ड इबकै यो गदर मचा दिया।
इनकी खैर नहीं इबकै यो पसीना ला दिया।
लावैं लपेटा सूंड का वो ठाकै बगा दिया।
इलेक्शन नहीं मौत थारी यो लेकै बेठैगा...
बहुजन समाज पार्टी कांशीराम नै बणाई।
भारत देश सारे नै इबकै खुशी मनाई।
बहन मायावती इन गरीबां पै कुर्बान होई।
इनके मन की याहे जाणै इसे समाज म्हं होई।
इनके रोग नै वो ये काटैगा जो पकड़ के नब्ज देखैगा...
घर का राज बणा राख्या सरेआम लूटैगा।
बी.जे.पी. कांग्रेस का इबकै वोट टूटैगा।
होगी हार लाखां की मार यो खड़ा सांतल पिटैगा।
बी.एस.पी. का कैंडीडेट यो कई लाखां तै जितैगा।
अमरसिंह छाछिया बड़सी आला वोट इसे म्हं ठोकैगा...