भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अमर सिंह छाछिया
Kavita Kosh से
अमर सिंह छाछिया
जन्म | |
---|---|
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
अमर सिंह छाछिया/ परिचय |
प्रतिनिधि रागिनियाँ
- भीम का जन्म 14 अप्रैल 1891 म्हं होया / अमर सिंह छाछिया
- तेरा सदा नाम रहै भीम सूरज चाँद की तरियां / अमर सिंह छाछिया
- डॉ. अम्बेडकर नै सारा जीवन दुख म्हं बिताया / अमर सिंह छाछिया
- डॉ. अम्बेडकर नै सबका अधिकार एकसार कर्या / अमर सिंह छाछिया
- देश भक्त यो डॉ. अम्बेडकर ना दुनियां म्हं पाया / अमर सिंह छाछिया
- मुझे यह अच्छा नहीं लगता / अमर सिंह छाछिया
- गरीब तो गरीबे होर्या यो अमीर लूट मचार्हा / अमर सिंह छाछिया
- जात मनुष की एक बणाई छुआछात कर्या नहीं करै सैं / अमर सिंह छाछिया
- विकसित राष्ट्र यो नहीं बण सकता / अमर सिंह छाछिया
- ए लीला झण्डा सै हाथी का खड़ा कांशी राम पावै गा / अमर सिंह छाछिया
- संविधान इन गरीबां का इंसाफ करैगा / अमर सिंह छाछिया
- जगह-जगह होए कांड गरीबां का इंसाफ ना आया / अमर सिंह छाछिया
- ईब दिल्ली की त्यारी, या मायावती आर्ही / अमर सिंह छाछिया
- जय भीम और जय भारत की बोलो मिल कै सारे / अमर सिंह छाछिया
- पिचासी परसेंट समाज इबकै सारा आवैगा / अमर सिंह छाछिया
- ऐ रै वादा करके आया सै वा पूरी कर दे सारी / अमर सिंह छाछिया
- बहुजन समाज पार्टी या करै आरती / अमर सिंह छाछिया
- मोहर हाथी पर लाऊंगी, मनै जी तै प्यारा लागै सै / अमर सिंह छाछिया
- हे रै बी.एस.पी. मेरे मन म्हं बसगी / अमर सिंह छाछिया
- ले चल मायावती हाम नै भी तेरी गेल / अमर सिंह छाछिया
- ऐ बैठो कार या आरी, ऐ आगै कितकी त्यारी / अमर सिंह छाछिया
- किसनै देगी वोट इबकै के निशान सै थारा / अमर सिंह छाछिया
- धन हो मायावती तैं पहले नम्बर आई / अमर सिंह छाछिया
- ऐ उमणी-घुमणी खड़ी कांग्रेस तेरा फीका पड़ग्या चेहरा / अमर सिंह छाछिया
- ऐ देश सारे म्हं पड़री किलकी इब कै हाथी आवैगा / अमर सिंह छाछिया
- या मायावती आई, खुश खबरी ताजा लाई / अमर सिंह छाछिया
- जो तिलक हाथी कै लावैगा / अमर सिंह छाछिया
- देश सारे म्हं पड़ रही किलकी हाथी आला जितैगा / अमर सिंह छाछिया
- लीली पगड़ी ताज, यो म्हारा ए राज / अमर सिंह छाछिया
- कांग्रेस तो वा उस ब.स.पा. आले कै फंसगी / अमर सिंह छाछिया
- जितनी संख्या थारी उतणी ऐ हिस्सेदारी / अमर सिंह छाछिया
- होवै शौक विरोधियां कै वो खाट पकड़ जागा / अमर सिंह छाछिया
- भारत देश आपणै कै धब्बा ला दिया / अमर सिंह छाछिया
- बहुजन समाज पार्टी या थारै हक म्हं आई / अमर सिंह छाछिया
- कांग्रेस नै महंगाई या शिखर म्हं टांग दी / अमर सिंह छाछिया
- खुशी किसे कै होई नहीं जिस दिन कांग्रेसिया आया सै / अमर सिंह छाछिया
- राज नहीं यो कसाई वाड़ा यो गरीब क्यूं मार दिया / अमर सिंह छाछिया
- जाग समाज के सोवै सै यो सर पै इलेक्शन आरा / अमर सिंह छाछिया
- भाई रै सरकार रोप गी चाला / अमर सिंह छाछिया
- बी.एस.पी. का इशारा समाज यो सारा / अमर सिंह छाछिया
- तेरी पार्टी करै याद या सुबह और शाम / अमर सिंह छाछिया
- देख लियो इबकै इलेक्शन टक्कर का होगा / अमर सिंह छाछिया
- थामी 85 ये 15 राज थारे पै कर रे / अमर सिंह छाछिया
- दुनिया तरक्की करगी रै थामी उरै ऐ रहगे / अमर सिंह छाछिया
- जय भीम और जय भारत का ला दिया नारा / अमर सिंह छाछिया
- बहुजन समाज पार्टी का जब राज आवैगा / अमर सिंह छाछिया
- धन हो भीम राव मैं हाथ जोड़ करूं प्रणाम / अमर सिंह छाछिया
- थारै आगै खड़ा यो कांशीराम, ना मांगै सोना चांदी / अमर सिंह छाछिया
- देख लियो प्रधानमन्त्री कांशीराम ए आवैगा / अमर सिंह छाछिया
- बैठो हाथी पै भाइयो रै थारै जी सा आवैगा / अमर सिंह छाछिया
- पिचासी परसेंट यो समाज इसमै सारा जुड़ैगा / अमर सिंह छाछिया
- थारा हाल गेल का यो बताणा पड़ैगा / अमर सिंह छाछिया
- करकै अफसोस चला, समाज की और चला / अमर सिंह छाछिया
- इन गरीबां कै ऊपर इतणा जुल्म क्यूं करा सै / अमर सिंह छाछिया
- ये झोटे जूं राखै खोर सारा गेल होया था / अमर सिंह छाछिया
- संविधान कानी चालैगा तनै घर सौ कोस हो ज्यागा / अमर सिंह छाछिया
- कितका संविधान बदलै सै तेरै जी नै रासा हो ज्यागा / अमर सिंह छाछिया
- नरेश सारन तैं सबनै मिठा बोलिए / अमर सिंह छाछिया
- झलसे और रेलियां म्हं अन्दाजा आवै सै / अमर सिंह छाछिया
- मायावती आई तो भारत का नक्शा बदल जागा / अमर सिंह छाछिया
- कांग्रेसी कहै पंडत तूं देखिये पतरा / अमर सिंह छाछिया
- हाथी नहीं तुफान इबकै इन नै देखैगा / अमर सिंह छाछिया
- या बी.एस.पी.आई. थारी कर दे मन की चाई / अमर सिंह छाछिया
- भाई वोट देणियांे की फिलहाल जरूरत है / अमर सिंह छाछिया
- थामी बोलो मिलकै सारे जय कांशीराम / अमर सिंह छाछिया
- चुनाव आयोग कह दलित की बेटी / अमर सिंह छाछिया
- वोट कांग्रेस के देवांगे आपणै वो ऐ काम आवैगा / अमर सिंह छाछिया
- टक्कर की रीत म्हारी होवै जीत तै हार कै जावैगा / अमर सिंह छाछिया
- एक भजन सुणाऊं सै तो बांग बगोला / अमर सिंह छाछिया
- राजा राम यो समाज तमाम कर रा सै इन्तजार / अमर सिंह छाछिया
- पांच पार्टी पांच किस्म की कुर्सी की करैं लड़ाई / अमर सिंह छाछिया
- हाथी चला घुमता अपनी मस्त रेस म्हं / अमर सिंह छाछिया