ऐ उमणी-घुमणी खड़ी कांग्रेस तेरा फीका पड़ग्या चेहरा / अमर सिंह छाछिया
ऐ उमणी-घुमणी खड़ी कांग्रेस तेरा फीका पड़ग्या चेहरा,
सुपने म्हं बी.जे.पी. हाथी नै दे दिया घेरा।...टेक
ऐ इसा के सुपना आया तनै तेरा होया मरण का ढाला।
ऐ ना तेरी ना मेरी सै दोनुवां की टाला।
ऐ ना पाटा तोल तू रही बोल पागल की ढाला।
ऐ मायावती का करै स्वागत घाल के नै माला।
ऐ सरकार उसे की आवणी यो देश ए कहरा...
ऐ के चौपट की बणी सार तेरा गया हार म्हं पाला।
ऐ मेरे खेत नै खागे गोलिऐ पड़ कै सोग्या रुखाला।
ऐ देकै बोल क्यूं ना जगाया था तेरे घर आला।
ऐ मैं सुती ऐ धड़कूं सूं मनै दिखै हाथी आला।
ऐ के तूं बणी बन्दड़ी उसकी वो आया बान्ध के सेहरा...
ऐ तेरा बिराग यो देवै मार तै गसी ए खावैगी।
ऐ मेरा-2 जिकर नहीं फंस तैं भी जावैगी।
ऐ तेरै मरज इसी ऐ बैठैगी तूं गोली ए खावैगी।
ऐ तेरी भी जमानत बचै नहीं तै खड़ी ए लखावैगी।
ऐ बेहोशी का लागै सुआ कट जा रोग यो तेरा...
ऐ बी.एस.पी. की फिरी लहर देश ए बदलता जावै सै।
ऐ झलसे और रेलियां म्हं अन्दाजा आवै सै।
ऐ चाहे किसे जाकै देख लिया ओड़ै खड़ा हाथी पावै सै।
ऐ मायावती का बहुमत इबकै फुल आवै सै।
ऐ अमरसिंह यो बड़सी का जी सा ए लेरा...