ईब दिल्ली की त्यारी, या मायावती आर्ही / अमर सिंह छाछिया

ईब दिल्ली की त्यारी, या मायावती आरी।
कांग्रेस हार कै गई बी.जे.पी. हल्का छोड़ गई।...टेक

जो टक्कर म्हं आवैगा उसे का सफाया होवैगा।
किसे कै होवै हाट-अटैक कोए पागल होवैगा।
यो नोटां आला हारैगा यो वोटां आला मारैगा।
या जीत होई सै म्हारी...

जिसनै कर्‌या सामना म्हारा वो ए हार क जावैगा।
जब्त जमानत हो उसकी वो खड़ा ए लखावैगा।
एकदम धक्का सा लग्या खड़ा तिवाला एक खाग्या।
घर आली नै किलकी मारी...

साल सवाई या महंगाई गरीबां नै काढैगी।
प्रधानमन्त्री आगी तो जड़ा मूल तै रांद काटैगी।
इनकी खड़ी करैगी खाट, या ब.स.पा. देखै सै बाट।
या जनता बदली सारी...

पिचासी परसेंट यो समाज टक्कर म्हं अड़ग्या।
मायावती आवै या रुक्का देश म्हं पड़ग्या।
जनता इसे नै चाह्वै सै, अमरसिंह गीत इसे के गावै सै।
या कांग्रेस गयी मारी...

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