या मायावती आई, खुश खबरी ताजा लाई।
पेटा सबका भर देगी, पूरे थारे कर देगी।...टेक
जिसनै घोटाले कर राखे उनकी खिंचाई हो जागी।
डंडा बेड़ी घलै हथकड़ी सेती ऐ मंजाई हो जागी।
ना सुफारस चालैगी, चोट उसे कै लागैगी
जिसनै लुटा-खसोट मचाई...
उग्रवाद ना रह देश म्हं इसका सफाया हो जावैगा।
अत्याचार जुल्म का करणिया ना बख्शा जावैगा।
जुल्म का हकदार वोये होवैगा, जो बीज बिघ्न के बोवैगा।
उसकी फांसी जागी सुणाई...
जागीरदार सै जितने वो सारे धन कै लाग लिए।
मजदूर-किसान ये रह दुखी तंग घणे पा लिए।
धन तै हंगाई लागगी, गरीब न मंहगाई मारगी।
इस चाय नै करी सफाई...
देश आपने का इस सरकार नै भट्ठा बिठा दिया।
ये राज करण के काबिल नहीं इननै गदर मचा दिया।
जनता तो गुण इसके गावै सै, कांशीराम नै चाहवै सै।
इनकी जमानत जब्त कराई...
कांशीराम आया तो भारत का नक्शा बदल जागा।
देश सारे म्हं इसका रुक्का पड़ जागा।
भीम हाथी पै सज जागा, चांद फुल सा खिल जागा।
अमरसिंह सब नै ऐ खुशी मनाई...