देख लियो प्रधानमन्त्री कांशीराम ए आवैगा / अमर सिंह छाछिया
देख लियो प्रधानमंत्री कांशीराम ए आवैगा।
फिरगी लहर, यो सारा शहर बटण हाथी का दबावैगा।...टेक
इन सरकारा नै तो यो जुल्म कराया सै।
जगह जगह होवै अत्याचार उग्रवाद फैलाया सै।
पाकिस्तान कै भी होंगे सींग वो भी चढ़ कै आया सै।
कारगिल की लड़ाई म्हं आपणा कितना लाल खपाया सै।
यो देश विरोधी होवै कांड यो नाश करावैगा...
नौजवान यो भारत का रक्षा देश की देवैं।
ईंट का जवाब यो दुश्मन नै पत्थ्र तै देवैं।
बब्बर शेर हमारा यो मुंह तोड़ जवाब देवैं।
इतणे बैठे सैंटर म्हं कोए टक्कर ना लेवैं।
यो अडवाणी, करै अगुआनी, देश नै गुलाम बणावैगा...
इन नै तो देश म्हं लूट चलाई सै।
भाई-2 की आपस म्हं बहस कराई सै।
जाति-पाति कह कै नै या दुनिया भिड़ाई सै।
दारू की पेटी लेरे सेती या इन नै मंगाई सै।
जिसकै धोरै जावै वो ये नारा भीम का लावैगा...।
बेईमानां का यो राज कइयां का आया सै।
भला देश का कर्या नहीं इन नै जूत बजाया सै।
लुटा-खसौट मचा कै इन नै घाटा दिखाया सै।
नौकरियां म्हं भी वो आगै इनैं का पाया सै।
बैठ हाथी पै अमरसिंह सीधा संसद म्हं जावैगा...।