या बी.एस.पी.आई. थारी कर दे मन की चाई / अमर सिंह छाछिया
यो बी.एस.पी. आई थारी कर दे मन की चाई
वोट इसे के दे दियो राज थारा ए ले लियो।...टेक
भका के लेवैं वोट थारै पायां म्हं पड़ा पड़ा
होया इन्ट्रव्यू तूं गया उसपै देखै था खड़ा।
के काम तेरा रै करा तूं रात नै जाडै म्हं मरा।
तनै रोटी भी ना खाई...।
ले कै कट्टा ला दो बट्टा थामी पाणी तै मरो।
पीकै दारू फिरो रात नै सपोट उसकी करो।
बहस भाई तै करो, थाम आपस म्हं मरो।
थारी रह से रोज लड़ाई...
पूंजीपति थे जितणे वे चांद पै जा लिये।
मजदूर-किसान इस सरकार नै तली म्हं ला दिये।
कुछ तो खर्चा नै काढ दिये घणे इस महंगाई नै मार दिये।
या दहेज तै बणै सगाई...।
लूट-लूट के लेगे डाकू घर आपणा बणा लिया।
रोड़वेज म्हं काढा घाटा चोड़ै दिखा दिया।
फेर किराया बढ़ा दिया, बजट पूरा कर लिया।
फेर भी थामी बणाई...
डॉ. अम्बेडकर नै संविधान इसा बणा दिया।
सब का अधिकार राज म्हं एक सार ला दिया।
इस सरकार नै दबा दिया, आपणा और चला दिया।
अमरसिंह होरी धक्काशाही...।