खबरिया / अरविन्द श्रीवास्तव

पहले से मसहरी में डेरा जमाए
दस-बारह मच्छरों को
मैंने मार गिराया

भोजन के बाद बाहर
पिता जी अब भी टहल रहे थे
चौपाई आदि गुनगुनाते

ठहर-ठहर कर आवाज़ आती है
किचन से
खटर-पटर की

आज समाचार चैनलों ने
कोई धमाकेदार ख़बर नहीं सुनाई
इसलिए भी सूना-सूना सब कुछ
विषादमय लग रहा है कि जैसे
हमने दिमाग को
गिरवी रख दी हो
ख़बरियों के पास !

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.