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"साक्षी है / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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17:54, 21 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

साक्षी है
फटी कमीज
कि
वह भी
फटा है
फटेहाल है
जो उसे
पहने है
गले से लटकाए
सीने से चिपकाए!

रचनाकाल: ०२-०८-१९९१