भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मनहर जैविक / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=खुली आँखें खुले डैने / …)
 
छो ("मनहर जैविक / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
 
(कोई अंतर नहीं)

18:00, 21 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

मनहर,
जैविक जीवन-धारी
रंग-बिरंगे पंखों वाला
यह कठफोड़वा,
प्रकृति-प्रिया की
शिल्प-सँवारी
अनुपम कृति का छंद है
जो आता है,
मुझको देकर
शिल्प सँवारा छंद,
उड़ जाता है,
मन से कभी न उड़ पाता है,
भाषा भाषी बन जाता है।

रचनाकाल: २९-१२-१९९१