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जम गया सब — | जम गया सब — | ||
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दर्द से | दर्द से | ||
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देह की हड्डियाँ सब | देह की हड्डियाँ सब | ||
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चटखती लगातार, | चटखती लगातार, | ||
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अब कौन | अब कौन | ||
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इन्हें दबाए | इन्हें दबाए | ||
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अँधेरे-अँधेरे घिरे | अँधेरे-अँधेरे घिरे | ||
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जब न कोई | जब न कोई | ||
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लहर अब कहाँ | लहर अब कहाँ | ||
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एक ठहराव है, | एक ठहराव है, | ||
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ज़िन्दगी अब — | ज़िन्दगी अब — | ||
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शिथिल तार; | शिथिल तार; | ||
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01:40, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
समर —
अब कहाँ है?
सफ़र —
अब कहाँ है?
थम गया सब
बहता उछलता नदी-जल तरल,
जम गया सब —
नसों में रुधिर की तरह!
दर्द से
देह की हड्डियाँ सब
चटखती लगातार,
अब कौन
इन्हें दबाए
टूटती आख़िरी साँस तक?
अँधेरे-अँधेरे घिरे
जब न कोई
पास तक!
लहर अब कहाँ
एक ठहराव है,
ज़िन्दगी अब —
शिथिल तार;
बिखराव है!