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"असद बदायूँनी की मौत पर / शहरयार" के अवतरणों में अंतर
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ख़्वाहिशे-मर्ग की सरशारी में | ख़्वाहिशे-मर्ग की सरशारी में |
02:07, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
ख़्वाहिशे-मर्ग की सरशारी में
यह भी नहीं सोचा
जीना भी एक कारे-जुनूं है इस दुनिया के बीच
और लम्बे अनजान सफ़र पर चले गए तन्हा
पीछे क्या कुछ छूट गया है
मुड़के नहीं देखा।