गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
वह राम है / रमेश कौशिक
20 bytes added
,
14:09, 13 अप्रैल 2011
|रचनाकार=रमेश कौशिक
|संग्रह=151 बाल-कविताएँ / रमेश कौशिक
}}
{{KKAnthologyRam
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>गंध बन जो फूल को महका रहा
वह राम है
पंछियों के कंठ से जो गा रहा
बादलों से सिंधु तक जो बह रहा
वह राम है
\
मौन रह कर जो सभी कुछ कह रहा
वह राम है।
Pratishtha
KKSahayogi,
प्रशासक
,
प्रबंधक
6,240
edits