Changes

सदस्य:Suraj rajwanshi

10 bytes added, 13:56, 7 अक्टूबर 2011
निदा फाजली साहब के दोहे
मैं रोया परदेस में भीगा मान माँ का प्यार !
दुःख ने दुःख से बात की बिन चिट्ठी बिन तार !!
आँखों भर आकाश है बाँहों भर संसार !!
सबकी पूजा एक सी अलग-अलग हर रीत !
मस्जिद जाये मौलवी कोयल गए गीत !!