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* समारोह की अध्यक्षता हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा० [[शेरजंग गर्ग]] ने की, मुख्य अतिथि थे प्रसिद्ध नवगीतकार [[यश मालवीय]], विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा० [[वेदप्रकाश अमिताभ]] थे। कार्यक्रम का संचालन [[कमलेश भट्ट 'कमल']] ने किया। | * समारोह की अध्यक्षता हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा० [[शेरजंग गर्ग]] ने की, मुख्य अतिथि थे प्रसिद्ध नवगीतकार [[यश मालवीय]], विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा० [[वेदप्रकाश अमिताभ]] थे। कार्यक्रम का संचालन [[कमलेश भट्ट 'कमल']] ने किया। | ||
* लोकार्पण के उपरान्त डा० [[जगदीश व्योम]] ने हाइकु-२००९ पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संकलन में ०४ जनवरी १९२५ से लेकर ०४ जुलाई १९८२ तक के कुल ५७ वर्षों के समाहित किया गया है। | * लोकार्पण के उपरान्त डा० [[जगदीश व्योम]] ने हाइकु-२००९ पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संकलन में ०४ जनवरी १९२५ से लेकर ०४ जुलाई १९८२ तक के कुल ५७ वर्षों के समाहित किया गया है। | ||
− | * संकलन के प्रथम हाइकुकार पद्मश्री [[गोपालदास "नीरज"]] और अन्तिम हाइकुकार हैं | + | * संकलन के प्रथम हाइकुकार पद्मश्री [[गोपालदास "नीरज"]] और अन्तिम हाइकुकार हैं [[हाइकु / शिव बहादुर सिंह भदौरिया |नवल बहुगुणा]]। |
* संकलन में ६० हाइकुकारों की ७ - ७ [[हाइकु]] कविताओं को सम्मिलित किया गया है। | * संकलन में ६० हाइकुकारों की ७ - ७ [[हाइकु]] कविताओं को सम्मिलित किया गया है। | ||
* पाँच प्रवासी भारतीय भी संकलन में शामिल हैं। | * पाँच प्रवासी भारतीय भी संकलन में शामिल हैं। | ||
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16:17, 8 मार्च 2012 का अवतरण
- हाइकु-1989 और हाइकु-1999 के बाद हाइकु का तीसरा ऐतिहासिक संकलन "हाइकु 2009" का लोकार्पण इनमेनटेक संस्था के सभागार में गीताभ संस्था के वार्षिक समारोह में हुआ।
- समारोह की अध्यक्षता हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा० शेरजंग गर्ग ने की, मुख्य अतिथि थे प्रसिद्ध नवगीतकार यश मालवीय, विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा० वेदप्रकाश अमिताभ थे। कार्यक्रम का संचालन कमलेश भट्ट 'कमल' ने किया।
- लोकार्पण के उपरान्त डा० जगदीश व्योम ने हाइकु-२००९ पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संकलन में ०४ जनवरी १९२५ से लेकर ०४ जुलाई १९८२ तक के कुल ५७ वर्षों के समाहित किया गया है।
- संकलन के प्रथम हाइकुकार पद्मश्री गोपालदास "नीरज" और अन्तिम हाइकुकार हैं नवल बहुगुणा।
- संकलन में ६० हाइकुकारों की ७ - ७ हाइकु कविताओं को सम्मिलित किया गया है।
- पाँच प्रवासी भारतीय भी संकलन में शामिल हैं।