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"हाइकु / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर
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16:47, 10 मई 2012 का अवतरण
याद
(1)
कैसे कहूँ कि
किसकी याद आई?
चाहे तड़पा गई।
(2)
याद उमस
एकाएक घिरे बादल में
कौंध जगमगा गई।
(3)
भोर की प्रथम किरण फीकी :
अनजाने जागी हो
याद किसी की--