Changes

हाइकु / अज्ञेय

665 bytes added, 04:17, 11 मई 2012
'''याद'''
(1)
कैसे कहूँ की कि
किसकी याद आई?
चाहे तड़पा गई।
अनजाने जागी हो
याद किसी की--
  </poem>हिन्दी में [[हाइकु]] हाइकु के सफल प्रयोग का श्रेय [[अज्ञेय]] को दिया जाता है, उन्होंने छठे दशक (१९६०) में [[अरी ओ करुणा प्रभामय / अज्ञेय|अरी ओ करुणा प्रभामय]] (१९५९) में अनेक हाइकुनुमा छोटी कविताएँ लिखी हैं जो [[हाइकु]] के बहुत निकट हैं।जिन पर अब भी लगातार शोध जारी है।
Mover, Reupload, Uploader
7,916
edits