याद किसी की--
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हिन्दी में [[हाइकु]] हाइकु के सफल प्रयोग का श्रेय [[अज्ञेय]] को दिया जाता है, उन्होंने छठे दशक (१९६०) में [[अरी ओ करुणा प्रभामय / अज्ञेय|अरी ओ करुणा प्रभामय]] (१९५९) में अनेक हाइकुनुमा छोटी कविताएँ लिखी हैं जो [[हाइकु]] के बहुत निकट हैं।
जिन पर अब भी लगातार शोध जारी है।