Changes

{{KKCatGhazal}}
<poem>
जुनूं हूं, आशिक़ी हूं
बशर हूं, बंदगी हूं
ब-ज़ाहिर बेरुखी हूं
वफ़ा की बेबसी हूं
गुलों की ताज़गी हूं
मैं शबनम की नमी हूं
 
शरीके-ज़िन्दगी हूं
मैं मस्ती की नदी हूं
 
दिसंबर का हूं सूरज
मर्इ की चांदनी हूं
 
निहारो रात-दिन तुम
मैं इक सूरत भली हूं
 
हया सिंगार मेरा
कली की सादगी हूं
 
गवाही मुजरिमों की
अदालत में खड़ी हूं
 
मुहब्बत का हूं क़ायल
'कंवल’इक आदमी हूं
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
2,357
edits