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जुनूं हूँ, आशिकी हूँ / रमेश 'कँवल'
Kavita Kosh से
जुनूं हूं, आशिक़ी हूं
बशर हूं, बंदगी हूं
ब-ज़ाहिर बेरुखी हूं
वफ़ा की बेबसी हूं
गुलों की ताज़गी हूं
मैं शबनम की नमी हूं
शरीके-ज़िन्दगी हूं
मैं मस्ती की नदी हूं
दिसंबर का हूं सूरज
मर्इ की चांदनी हूं
निहारो रात-दिन तुम
मैं इक सूरत भली हूं
हया सिंगार मेरा
कली की सादगी हूं
गवाही मुजरिमों की
अदालत में खड़ी हूं
मुहब्बत का हूं क़ायल
'कंवल’इक आदमी हूं