भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भाग / हरिऔध

1 byte removed, 05:23, 20 मार्च 2014
जब रहे भाग के भरोसे हम।
पा सके जो जहान में सब वु+छ।कुछ।
क्या न थे वे उपाय कर करते।
हैं उमगते उमंग में भर जो।
Delete, Mover, Reupload, Uploader
1,983
edits