भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"राजद्रोही / नित्यानंद गायेन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> कागज़...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
|रचनाकार=
+
|रचनाकार=नित्यानंद गायेन
 
|अनुवादक=
 
|अनुवादक=
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=

13:27, 17 जून 2014 के समय का अवतरण

कागज़ पर लिखा
सम्राट,
सेना,
फिर लिखा --
ग़ुलाम,
दासता,
जय-जयकार,
सम्राट प्रसन्न हुए...

अब लिखा मैंने
तानाशाह
निरंकुश
विद्रोह
और कारागार

इस बार
राजा के आदेश पर
खंजर से मेरे सीने पर लिखा गया
राजद्रोही...!!