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"ट्रेन की खिड़की से / कुमार मुकुल" के अवतरणों में अंतर
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ट्रेन की खिडकी से | ट्रेन की खिडकी से | ||
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पहाड | पहाड | ||
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देख रहा हूं मैं | देख रहा हूं मैं | ||
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जिनकी पृष्ठभूमि के ढालवें मैदान में | जिनकी पृष्ठभूमि के ढालवें मैदान में | ||
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बच्चे फुटबॉल खेल रहे हैं | बच्चे फुटबॉल खेल रहे हैं | ||
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केसी-कैसी शक्लें हैं इनकी | केसी-कैसी शक्लें हैं इनकी | ||
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सीधा खडा है कोई स्तूप सा | सीधा खडा है कोई स्तूप सा | ||
+ | मंदिर सा तराश लिए है कोई | ||
+ | एक की कमर पर | ||
+ | उकडूं बैठी है बडी सी चट्टान | ||
− | + | मेढकी सी टिकी है पिछले तलुओं पर | |
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मानों उछाल लेगी उुपर को अभी ही | मानों उछाल लेगी उुपर को अभी ही | ||
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यह उसकी अपनी मुद्रा है | यह उसकी अपनी मुद्रा है | ||
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06:47, 30 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण
ट्रेन की खिडकी से
पहाड
देख रहा हूं मैं
छोटे-छोटे कई खडे हैं सामने
जिनकी पृष्ठभूमि के ढालवें मैदान में
बच्चे फुटबॉल खेल रहे हैं
केसी-कैसी शक्लें हैं इनकी
सीधा खडा है कोई स्तूप सा
मंदिर सा तराश लिए है कोई
एक की कमर पर
उकडूं बैठी है बडी सी चट्टान
मेढकी सी टिकी है पिछले तलुओं पर
मानों उछाल लेगी उुपर को अभी ही
यह उसकी अपनी मुद्रा है
समय जब भी उछालेगा
उसे नीचे उछालेगा
नीचे फुटबॉल खेलते बच्चों के कदमों में ।
1992