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"पपीहा बोलि जारे / पढ़ीस" के अवतरणों में अंतर
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Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
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− | पपीहा बोलि जा रे! | + | पपीहा बोलि जा रे ! |
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+ | मारयिं बूँदन बान। | ||
+ | तिहि पर तुइ पिउ-पिउ ग्वहरावइ | ||
+ | हाँकन हूकु न, मानु। | ||
+ | पपीहा बोलि जा रे ! | ||
+ | हाली डोलि जा रे ! | ||
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लूकन लूक न लागि। | लूकन लूक न लागि। | ||
जागि रहे उयि कहूँ कँधैया | जागि रहे उयि कहूँ कँधैया | ||
दागि बिरह की आगि। | दागि बिरह की आगि। | ||
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− | पपीहा बोलि जा रे! | + | हाली डोलि जा रे ! |
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छिनु-छिनु पर छवि हायि न भूलयि | छिनु-छिनु पर छवि हायि न भूलयि | ||
हूलयि हिया हमार। | हूलयि हिया हमार। | ||
साजन आवयिं तब तुइ आये | साजन आवयिं तब तुइ आये | ||
आजु बोलु उयि पार। | आजु बोलु उयि पार। | ||
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16:30, 7 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
पपीहा बोलि जा रे !
हाली डोलि जा रे !
बादर बइरी<ref>वैरी, दुश्मन, शत्रु</ref> रूप बनावयिं
मारयिं बूँदन बान।
तिहि पर तुइ पिउ-पिउ ग्वहरावइ
हाँकन हूकु न, मानु।
पपीहा बोलि जा रे !
हाली डोलि जा रे !
तपि-तपि रहिउऊ तंपता साथी
लूकन लूक न लागि।
जागि रहे उयि कहूँ कँधैया
दागि बिरह की आगि।
पपीहा बोलि जा रे !
हाली डोलि जा रे !
छिनु-छिनु पर छवि हायि न भूलयि
हूलयि हिया हमार।
साजन आवयिं तब तुइ आये
आजु बोलु उयि पार।
पपीहा बोलि जा रे !
हाली डोलि जा रे !
शब्दार्थ
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