भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"करमा गीत-3 / छत्तीसगढ़ी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=छत्तीसग...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Dkspoet ने करमा गीत-3 / छत्तीसगढी पृष्ठ करमा गीत-3 / छत्तीसगढ़ी पर स्थानांतरित किया)
 
(कोई अंतर नहीं)

01:24, 13 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हां हां रे रतन बोइर तरी रे
गड़े है मैनहरी कांटा
रतन बोइंर तरी रे।
ओही मा ले नहकयं डिंडवारे, छैलवा
हेर देबे मैनहरी कांटा
रतन बोइर तरी रे।
कांटा हेरवनी का भूर्ती देबे,
हेर दहे मैनहरी कांटा
रतन बोइर तरी रे।
ले लेबे भइया थारी भर रुपइया,
हेर देबे मैनहरी कांटा
रतन बोइर तरी रे।
थारी भर रुपइया तोरे धर भावय
नइ हेंरव मैनहरी कांटा
रतन बोइर तरी रे।
ले लेबे भइया लहुरि ननदिया।
हेर देबे मैनहरी कांटा
रतन बोइर तरी रे।
लहुरि ननदिया तोरे धर भावय
नइ हेंरव मैनहरी कांटा
रतन बोइर तरी रे।
ले लेबे, छैलवा मोरे रस बुंदिया
हेर देहंव मैनहरी कांटा
रतन बोइर तरी रे।