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प्राणप्रिय / डी. एम. मिश्र
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12:33, 1 जनवरी 2017
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<poem>
क्यों होता है
उसके साथ
कभी प्राणप्रिय
होने का आभास
और कभी
परायेपन का चरम
प्रथमदृष्ट्या कुछ
फिर कुछ
फिर कुछ
और देर तक
आँख गड़ाये रहने
पर कुछ
स्मृति के
एक छोटे से
स्रोत से
फूट पड़े
आँसुओं को
देखकर लगा कि
जो रेत
नदी में रहकर
सूखा रहा हो
उस पर
थेाड़े-मोड़े
और पानी का
असर क्या
</poem>
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