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हलोर / कुमार वीरेन्द्र
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11:18, 2 मार्च 2018
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जब मैं उससे
कहता, घोड़े पर चढ़ना है, तो
पीठ पर बैठा लेती, जब कहता, देखो तुम गाय हो न, मैं
अनिल जनविजय
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