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"कंगस्या / मुरली दीवान" के अवतरणों में अंतर

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नारी अपडु चरित्र निर्माण करू
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नारी अपडु<ref>अपना</ref> चरित्र निर्माण करू
 
सामाजिक काम करू , धाण करू
 
सामाजिक काम करू , धाण करू
 
तीलू रौतेली सी नारि , रामि बौराणी सी ब्वारी
 
तीलू रौतेली सी नारि , रामि बौराणी सी ब्वारी
 
मुल्क मा अपड़ि अलग पछ्याण करू।
 
मुल्क मा अपड़ि अलग पछ्याण करू।
  
गौरा देवी अर बछेंद्रीपाल जन बणिक आज
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गौरा देवी अर बछेंद्रीपाल जन<ref>जैसे</ref>बणिक <ref>बनकर</ref>आज
बार -बार नयु कीर्तिमान चैंदु
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जख दया धरम करम संस्कार पैदा होंदा
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मीतैं बगीचा सो बगवान चैंदू।
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मीतैं<ref>मुझको</ref>बगीचा सो बगवान चैंदू।
  
 
आज त आतंकवाद बणी भुला
 
आज त आतंकवाद बणी भुला
वोडा -वोडा पर विबाद बणी भुला
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वोडा -वोडा<ref>खेत की सीमा रेखा तय करने वाला पत्थर</ref> पर विबाद बणी भुला
 
द्वी झणो का बीच द्वी भयों की राजी खुसी मा
 
द्वी झणो का बीच द्वी भयों की राजी खुसी मा
 
जिंदगी भर कु मवाद पड़ी भुला
 
जिंदगी भर कु मवाद पड़ी भुला
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मीतैं बगीचा सो बगवान चैंदू।
 
मीतैं बगीचा सो बगवान चैंदू।
 
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11:49, 29 मार्च 2018 के समय का अवतरण

नारी अपडु<ref>अपना</ref> चरित्र निर्माण करू
सामाजिक काम करू , धाण करू
तीलू रौतेली सी नारि , रामि बौराणी सी ब्वारी
मुल्क मा अपड़ि अलग पछ्याण करू।

गौरा देवी अर बछेंद्रीपाल जन<ref>जैसे</ref>बणिक <ref>बनकर</ref>आज
बार -बार नयु कीर्तिमान चैंदु<ref>चाहता हूँ</ref>
जख<ref>जहां</ref> दया धरम करम संस्कार पैदा होंदा
मीतैं<ref>मुझको</ref>बगीचा सो बगवान चैंदू।

आज त आतंकवाद बणी भुला
वोडा -वोडा<ref>खेत की सीमा रेखा तय करने वाला पत्थर</ref> पर विबाद बणी भुला
द्वी झणो का बीच द्वी भयों की राजी खुसी मा
जिंदगी भर कु मवाद पड़ी भुला

आज तु नि चैंदु आज भगत सिंग चैंदु भुला
आज वी पवित्र बलिदान चैंदु
जख दया धरम करम संस्कार पैदा होंदा
मीतैं बगीचा सो बगवान चैंदू।

शब्दार्थ
<references/>