"पीड़ पच्चीसी / महेन्द्रसिंह सिसोदिया 'छायण'" के अवतरणों में अंतर
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− | + | मारकाट कर मोकळी,हरदम रह हुशियार| | |
− | + | आग लगावै आंगणै,सुणै नहीं सरकार|| | |
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− | + | खरी दुकानां खोल दी,रूपियां री कर रार| | |
− | + | रासण दे नीं रौळिया,सुणै नहीं सरकार|| | |
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+ | निरलज सारा नेतियां,सुणै नहीं सरकार|| | ||
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+ | कूड़ कमाणौ खावणौ,लंपट लोभ लगार| | ||
+ | कैवे किणनै जा कवि,सुणै नहीं सरकार|| | ||
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+ | जीणौ कींकर जगत में,वधियौ व्याभीचार| | ||
+ | पाप अणूतौ पेख लो,सुणै नहीं सरकार|| | ||
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+ | मुंडै मीठी मौवणी,खरौ ज अंतै खार| | ||
+ | अबै बेलियां आपणी,सुणै नहीं सरकार|| | ||
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+ | इतरी अरजी ईसरी,अबकै देस ऊबार| | ||
+ | नींतर सब रूळ जावसी,सुणै नहीं सरकार|| | ||
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+ | रंग बदळावै रोज रा,धवळा कपडा़ धार| | ||
+ | मीठी छुरियां मारणी,सुणै नहीं सरकार|| | ||
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+ | खाट ले गिया खलकडा़ं,नैनी करी निंवार| | ||
+ | पागां आगा पटकिया,सुणै नहीं सरकार|| | ||
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+ | केपी घर सूं काढ दे,तौगे री तरवार| | ||
+ | जाय हरावळ जूंझणौ,सुणै नहीं सरकार|| | ||
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+ | माल उड़ावै मारकां,धुन धाडै़ती धार| | ||
+ | निरलज कूडा़ नेतियां,सुणै नहीं सरकार|| | ||
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+ | इतरी अरजी ईसरी,अबकै देस ऊबार| | ||
+ | सदबुध दीजै सांच सह,सुणै नहीं सरकार|| | ||
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+ | नौंणो चावै नेतियां, विटळा नर वौपार| | ||
+ | किणदिस जावां कानजी,सुणै नहीं सरकार|| | ||
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+ | मांडो आखर मौवणा,धचकै धुंवांधार| | ||
+ | सायद आ चेतावनी,सुण लैसी सरकार|| | ||
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+ | बरस पांच अै बेलियाँ,ठीक काळजो ठार| | ||
+ | डांभ दिरावै देस रै,सुणै नहीं सरकार|| | ||
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+ | साची कैवूं सांवरा,हैलां करूं हजार| | ||
+ | तार सकै तो तार दे,सुणै नहीं सरकार|| | ||
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20:10, 9 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
विरथा में बिलमावणौ,भारी भ्रस्टाचार|
अंतस हंदौ औळमो,सुणै नहीं सरकार||
विरथा सब रा वायदा,कूड़ तणी आ कार|
कूकै सगळा काळिया,सुणै नहीं सरकार||
धवळा चौगां धारिया,माडै कर मनवार|
बणठण मंचां बैठिया,सुणै नहीं सरकार||
सूझै नीं साची कदै,दे मिनखां नै मार|
लोभी इसडा़ं लोक रा,सुणै नहीं सरकार||
कूडा़ वादा काज रा,वां सबदां री वार|
औड़-झौड़ में उळझगी,सुणै नहीं सरकार||
कोजे ढाळै कूकतौ,अंतस मिनख अपार|
राडा़ं देवै राज नै,सुणै नहीं सरकार||
सारां हिळमिळ सांप्रत,डाकी गिया डकार|
कींकर रासण खूटियौ,सुणै नहीं सरकार||
तटकै तांतां तोडि़या,अबकै राज अबार|
नैह ज किंया निभावसां,सुणै नहीं सरकार||
सदन मांयनै चौरटां,पूग पचासां पार|
डाकीचाळो कर डसै,सुणै नहीं सरकार||
मारकाट कर मोकळी,हरदम रह हुशियार|
आग लगावै आंगणै,सुणै नहीं सरकार||
खरी दुकानां खोल दी,रूपियां री कर रार|
रासण दे नीं रौळिया,सुणै नहीं सरकार||
जबरा झींटा झाल नै,दंभी नै दुत्कार|
निरलज सारा नेतियां,सुणै नहीं सरकार||
कूड़ कमाणौ खावणौ,लंपट लोभ लगार|
कैवे किणनै जा कवि,सुणै नहीं सरकार||
जीणौ कींकर जगत में,वधियौ व्याभीचार|
पाप अणूतौ पेख लो,सुणै नहीं सरकार||
मुंडै मीठी मौवणी,खरौ ज अंतै खार|
अबै बेलियां आपणी,सुणै नहीं सरकार||
इतरी अरजी ईसरी,अबकै देस ऊबार|
नींतर सब रूळ जावसी,सुणै नहीं सरकार||
रंग बदळावै रोज रा,धवळा कपडा़ धार|
मीठी छुरियां मारणी,सुणै नहीं सरकार||
खाट ले गिया खलकडा़ं,नैनी करी निंवार|
पागां आगा पटकिया,सुणै नहीं सरकार||
केपी घर सूं काढ दे,तौगे री तरवार|
जाय हरावळ जूंझणौ,सुणै नहीं सरकार||
माल उड़ावै मारकां,धुन धाडै़ती धार|
निरलज कूडा़ नेतियां,सुणै नहीं सरकार||
इतरी अरजी ईसरी,अबकै देस ऊबार|
सदबुध दीजै सांच सह,सुणै नहीं सरकार||
नौंणो चावै नेतियां, विटळा नर वौपार|
किणदिस जावां कानजी,सुणै नहीं सरकार||
मांडो आखर मौवणा,धचकै धुंवांधार|
सायद आ चेतावनी,सुण लैसी सरकार||
बरस पांच अै बेलियाँ,ठीक काळजो ठार|
डांभ दिरावै देस रै,सुणै नहीं सरकार||
साची कैवूं सांवरा,हैलां करूं हजार|
तार सकै तो तार दे,सुणै नहीं सरकार||