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|चित्र=Guncha-ranjana-verma-kavitakosh.jpg
|नाम=गुंचा / रंजना वर्मा
|रचनाकार=रंजना वर्मा
|प्रकाशक=साई प्रकाशन, फैज़ाबाद, उ. प्र.|वर्ष=2015
|भाषा=
|विषय=
* [[ शारदे का नाम नित भजना कभी सीखा नहीं / रंजना वर्मा]]
* [[ मत आँगन में दीवार बना / रंजना वर्मा]]
* [[ मातृ चरण में हृदय समर्पित, अब फिर करने का अवसर है / रंजना वर्मा]]
* [[ चरण रज शीतला माँ की धरा को नापते देखा / रंजना वर्मा]]
* [[ लड़ाई का ये घर अखाडा नहीं है / रंजना वर्मा]]
* [[ श्याम जब भी करीब आते हैं / रंजना वर्मा]]
* [[ न झूठ का नाम लिया करेंगे / रंजना वर्मा]]
* [[ सूरज ने खोले नयन, किरणों की बरसात / रंजना वर्मा]]
* [[ प्यार की कोई कली दिल में खिलेगी क्या / रंजना वर्मा]]
* [[ कभी जब पीर ने तुम को छुआ होगा / रंजना वर्मा]]
* [[ पीर को दिल में छिपाना आ गया / रंजना वर्मा]]
* [[ शाम ढलने लगी रात हँसने लगी / रंजना वर्मा]]
* [[ मेरा जीवन सदा है वतन क के लिये / रंजना वर्मा]]
* [[ दिल के कोने पीर ठहरने लगती है / रंजना वर्मा]]
* [[ तितलियों का सिंगार कौन करे / रंजना वर्मा]]