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गुंचा / रंजना वर्मा
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गुंचा / रंजना वर्मा
रचनाकार | रंजना वर्मा |
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प्रकाशक | साई प्रकाशन, फैज़ाबाद, उ. प्र. |
वर्ष | 2015 |
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इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- शारदे का नाम नित भजना कभी सीखा नहीं / रंजना वर्मा
- मत आँगन में दीवार बना / रंजना वर्मा
- मातृ चरण में हृदय समर्पित , अब फिर करने का अवसर है / रंजना वर्मा
- चरण रज शीतला माँ की धरा को नापते देखा / रंजना वर्मा
- लड़ाई का ये घर अखाडा नहीं है / रंजना वर्मा
- आ गया ऋतुराज फिर मौसम सुहाना आ गया / रंजना वर्मा
- सभी जवानों के मन में है कसक रही अब भी वो पीर / रंजना वर्मा
- श्याम जब भी करीब आते हैं / रंजना वर्मा
- न झूठ का नाम लिया करेंगे / रंजना वर्मा
- सूरज ने खोले नयन , किरणों की बरसात / रंजना वर्मा
- प्यार की कोई कली दिल में खिलेगी क्या / रंजना वर्मा
- कभी जब पीर ने तुम को छुआ होगा / रंजना वर्मा
- गलियों में छाया कितना सन्नाटा है / रंजना वर्मा
- सुना जो बड़ों से कहा हम करे / रंजना वर्मा
- दिल से यदि नाम पुकारा होता / रंजना वर्मा
- मत कहो यह जिंदगी संत्रास है / रंजना वर्मा
- कब कली है फूल बनती कौन ले जाता उसे / रंजना वर्मा
- कितने दिन के बाद मिला है प्यारा मन / रंजना वर्मा
- खो रहा आज ईमान क्यों आदमी / रंजना वर्मा
- सोच कर पांव अपने उठाया करो / रंजना वर्मा
- है भाग्य की करनी कठिन जानी नहीं जाये कभी / रंजना वर्मा
- मात यशोदा के गोपाल / रंजना वर्मा
- रहे सजा भारत का भाल / रंजना वर्मा
- पीर सब अपनी भुलाना चाहती हूँ / रंजना वर्मा
- माँ की याद सुहानी सी / रंजना वर्मा
- उन्नत सदा रहेगा मेरी भारत माँ का भाल / रंजना वर्मा
- रश्मि खोने लगी / रंजना वर्मा
- कहने को तो सब कहते हैं बेटी हम को प्यारी है / रंजना वर्मा
- जिसने दुनियाँ में जन्म लिया, उसको जीते ही जाना है / रंजना वर्मा
- निभाने प्यार का बन्धन चले आओ चले आओ / रंजना वर्मा
- कोई ज्ञान की बात सुनता नहीं है / रंजना वर्मा
- साँवरे श्याम श्री कृष्ण प्यारे / रंजना वर्मा
- माँ के मन्दिर शीश को अपने झुका कर देखिये / रंजना वर्मा
- रख दूँ प्यासे अधर नदी के धारे पर / रंजना वर्मा
- साँवरे कन्त का आगमन हो गया / रंजना वर्मा
- याद से आपकी जब लगन हो गया / रंजना वर्मा
- सदा इंसान आँखों में कई सपने संजोता है / रंजना वर्मा
- प्यार की दुनियाँ सजाना चाहती हूँ / रंजना वर्मा
- चाँद कुछ ऐसे मुस्कुराया है / रंजना वर्मा
- रात जब जितनी काली रहेगी / रंजना वर्मा
- खिल रहे जिंदगी के सुमन के लिये / रंजना वर्मा
- तुम्हारे ख्वाब अनबोले हुए हैं / रंजना वर्मा
- साँवरे को दिल चुराना आ गया / रंजना वर्मा
- झूठ की राह पर मत चलो तुम / रंजना वर्मा
- कली को मुस्कुराना आ गया / रंजना वर्मा
- पीर को दिल में छिपाना आ गया / रंजना वर्मा
- शाम ढलने लगी रात हँसने लगी / रंजना वर्मा
- मेरा जीवन सदा है वतन के लिये / रंजना वर्मा
- दिल के कोने पीर ठहरने लगती है / रंजना वर्मा
- तितलियों का सिंगार कौन करे / रंजना वर्मा
- उगते आसमान में तारे अच्छे लगते हैं / रंजना वर्मा
- रिश्तों की जंजीर न माँगो / रंजना वर्मा
- अपनी भी लाचारी है / रंजना वर्मा
- सौदा करने चले इश्क़ का तो अपना मन बेच दिया / रंजना वर्मा
- मिलेगी क्या ख़ुशी तुम को मेरे दिल के फ़साने में / रंजना वर्मा
- माज़ी की बेरुख़ी को गवारा तो कीजिये / रंजना वर्मा
- समन्दर आँख से यों बह गया है / रंजना वर्मा
- जो दिल को लुभाये वो ग़ज़ल पेश कर गया / रंजना वर्मा
- हम ने जब भी अँधेरों से रिश्ता किया / रंजना वर्मा
- तुम थे तो दुश्वारी अच्छी लगती थी / रंजना वर्मा
- हिज्र का दर्द निगाहों से बताने आये / रंजना वर्मा
- न कोई साथ हो ऐसी दुआ नहीं करते / रंजना वर्मा
- न हम अब कोई भी वजाहत करेंगे / रंजना वर्मा
- दूर होने की इल्तिज़ा न करो / रंजना वर्मा
- दूर दुश्मन का ठिकाना हो गया होता / रंजना वर्मा
- नहीं मुमकिन कि खुशियों से भरा संसार हो जाये / रंजना वर्मा
- दुपहर में सितारों की चमक ढूंढ रही हूं / रंजना वर्मा
- मेरे महबूब मुझ को जिंदगी देने चला भी आ / रंजना वर्मा
- टूटे हुए तारों को छूछ और कहा क्या / रंजना वर्मा
- बात हम दिल की बता दें मगर जज़्बात तो हो / रंजना वर्मा
- ज़िंदगी अजीब हो गयी / रंजना वर्मा
- वक्त इतना बुरा आया तो नहीं था मेरा / रंजना वर्मा
- हम को राह दिखाने वाले ही क्यों हम से दूर हो गये / रंजना वर्मा
- नज़र में वो सब की मुहाज़िर रहा है / रंजना वर्मा
- तुम से हम को मिले जहां के सुख सारे / रंजना वर्मा
- खुदबयानी का अलग अंदाज़ है / रंजना वर्मा
- गुमसुम सी है हवा गगन भी डरा हुआ है / रंजना वर्मा
- न है यह दर्द आँखों का न यह पानी ही खारा है / रंजना वर्मा
- जाने किस ओर से आया है किधर जाता है / रंजना वर्मा
- अश्क़ बन आँख से ढलना होगा / रंजना वर्मा
- फिर चलीं तेज हवायें तेरे जाने के बाद / रंजना वर्मा
- दिन को क्यूँकर रात करें / रंजना वर्मा
- ढलक रहा है जो दामन उसे सँवार तो लें / रंजना वर्मा
- क्यों हो ऐसे आँख चुराते क्या सब बातें भूल गये / रंजना वर्मा
- इब्तदा अच्छी न हो तो इन्तेहा का क्या करें / रंजना वर्मा
- अँधियारे से डर रक्खा है / रंजना वर्मा
- अपने क़रीब आपने आने नहीं दिया / रंजना वर्मा
- क्या कमी कुछ रह गयी थी प्यार में / रंजना वर्मा
- तेरा ही प्यार मेरे दिल में आ समाया है / रंजना वर्मा
- तुम्हारी तस्वीर थी जो देखी वो मेरे दिल मे उतर गई है / रंजना वर्मा
- छोड़ नफ़रत दिल मिलाना चाहती हूँ / रंजना वर्मा
- कब ये अपनी हुई हरदम है परायी दुनियाँ / रंजना वर्मा
- तुम दिखाओ न मंजर सुहाने मुझे / रंजना वर्मा
- दिल से जातीं नहीं यादें उसकी / रंजना वर्मा
- याद रक्खा है तुम्हें हमने इबादत की तरह / रंजना वर्मा
- दिल में मेरे न खुशी की कोई बारात हुई / रंजना वर्मा
- कन्हैया को दिल से पुकारे चला चल / रंजना वर्मा
- एक भूली सी दास्ताँ हम थे / रंजना वर्मा
- बड़ी मुश्किल से दिन अपने ग़रीबी में गुजारे हैं / रंजना वर्मा
- उमड़ती नदी आज जज़्बात की / रंजना वर्मा
- जो दर्द दिया तू ने भुला भी नहीं सकती / रंजना वर्मा