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वक्त इतना बुरा आया तो नहीं था मेरा / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
वक्त इतना बुरा आया तो नहीं था मेरा
जो अधूरा रहा नगमा तो नहीं था मेरा
जान दे कर भी जिसे दिल में छिपाये रखते
इस क़दर राज़ वो गहरा तो नहीं था मेरा
बीच रस्ते में मुझे इस तरह जो छोड़ गया
या ख़ुदा वो कहीं साया तो नहीं था मेरा
तुम्हारा. प्यार है यादें है बेक़रारी है
वक़्ते हिज्रा अभी आया तो नहीं था मेरा
बेवफ़ाई भी जो करते तो थी मंजूर मुझे
ऐसे नसीब ही फूटा तो नहीं था मेरा
तुम्हारा जाना है जाना नहीं औरों जैसा
तुम को यों भेजना वादा तो नहीं था मेरा
चूड़ियाँ हाथ की टूटी नसीब रूठ गया
गिरा जो ऐसे सिंधोरा तो नहीं था मेरा