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फिर चलीं तेज हवायें तेरे जाने के बाद / रंजना वर्मा
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फिर चलीं तेज हवाएँ तेरे जाने के बाद
दिल में जलती हैं चिताएँ तेरे जाने के बाद
रात में दूर तक सन्नाटा है गहराया हुआ
हम किसे देते सदाएं तेरे जाने के बाद
कोई दिखता ही नहीं तेरे सिवा हम को कहीं
बारहा तुझ को बुलायें तेरे जाने के बाद
तू नहीं है मगर बातें तो तेरी हैं जिंदा
तेरे वादों को निभायें तेरे जाने के बाद
साथ है तू नहीं पर याद साथ है तेरी
ले रही यनं कि बलायें तेरे जाने के बाद
रुत हो पतझर की तो कब फूल हैं खिलते साथी
यूँ बहारें भी न आयें तेरे जाने के बाद
लौट के फिर जो तू आये तो न जाने के लिये
मांगती हूँ ये दुआएँ तेरे जाने के बाद