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मेरा जीवन सदा है वतन के लिये / रंजना वर्मा

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मेरा जीवन सदा है वतन के लिये
हाथ हैं शत्रुओं के दमन के लिये

है बहुत खूबसूरत हमारा वतन
हर कली है समर्पित चमन के लिये

दोस्तों आ के गुलजार इस को करो
राह सब देखते अंजुमन के लिये

देख कर इस धरा को तरसते रहें
देवता भी यहाँ आगमन के लिये

हिन्द की यह धरा श्वांस है प्राण है
नित उठें हाथ इस को नमन के लिये

सरजमीं यह मेरी भूमि है प्यार की
है मचलता तिरंगा गगन के लिये

दुल्हनें दे रहीं दान सिंदूर का
तोड़ते अश्रु सीमा-दहन के लिये

हैं लुटातीं ये कश्मीर की वादियाँ
खुशबुओं के खजाने पवन के लिये

सैनिकों के हृदय बस यही कामना
हो तिरंगा हमारे कफ़न के लिये