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धनी: चलोॅ जैबै पिया हो, गोड्डा बजरिया।एŸोॅ लागै छै कैह्ने जाड़ हमरोॅ भाय हो।हमरा कीन दिहोॅबरफोॅ रोॅ ऐलोॅ रहै, हे जी कीन दिहोॅघुंघुर लागल पैंजनियाँ कीन दिहोॅ॥बाढ़ जेना भाय हो॥
पिया: चलोॅ जैबै धनी हे, गोड्डा बजरिया।सर-सर बहै हवा दै छै ठिठुराय होतोरा कीन देभौंकनकन्नों ठंडा सेॅ, हाँ जी कीन देभौंदेह ढलकाय हो।घुंघुर लागल पैंजनियाँ कीन देभौं॥लागै जेना देहोॅ में, सुईया भोकाय हो॥
धनी: चलबै स्कूल होय छै शिक्षक-समागमदौड़-धूप उछल-कूदजाड़ोॅ सेॅ सौसे देह, होय छै धमाधम।भेलै जेना सील होचलोॅ हम्हूँ दौड़बै होजाड़ें जेना ठोकै, जीतबै इनमियाँकरेजा मेॅ कील हो।हमरा कीन दिहोॅठारोॅ रोॅ मारोॅ सेॅ, हे जी कीन दिहोॅमोती जड़ल चुनरिया कीन दिहोॅ॥मोंन छटपटाय हो॥
पिया: शिक्षक-समागम के देखोॅ महŸाासूरजोॅ रोॅ असरा में, पुरबें हियाय होप्रतिभा उभारै के काम अलबŸाा।हम्हूँ उछलबै हेघन्नों, छूबै उचईयातोरा कीन देभौंकुहासोॅ में, हाँ जी कीन देभौंकुछ नै सुझाय हो।मोती जड़ल चुनरिया कीन देभौं॥गायठोॅ आरोॅ लरूवा सेॅ घुर जराय हो॥
धनीदिनें-: कैरमदिन सुरुज, शतरंज आरोॅ होय छै चित्रांकनफूटबौल, क्रिकेट आरोॅ खेल बैडमिंटन।चलोॅ हम्हूँ खेलबै दूर चल्लोॅ जाय हो, दैकेॅ धियनमाँहमरा कीन दिहोॅसुरुज जŸोॅ दूर, हे जी कीन दिहोॅकेते धरती ठंढाय हो।तारा टाँकल सड़ियासुरुजोॅ केॅ कैह्नें, कीन दिहोॅ॥पिया: शिक्षक-समागम के उद्देश्य महान् देलेॅ छैशिक्षकै पेॅ बच्चा के, टिकलोॅ जहान छै।संस्कार सुधरतै हे, सँवरतै जिनिगिया।तोरा कीन देभौं, हाँ जी कीन देभौंतारा टाँकल सड़िया कीन देभौं॥रूसाय हो।
धनी: भाषण आरो वाद-विवाद भी होतैभीतरी घरोॅ मेॅ नरुवा बिछाय होएकलकेबाड़-युगल-समूह के गान भी होतै।खिड़की बोंन तैय्यो सब्भे सरगदाय हो।चलोॅ हम्हूँ गैबै हेसब्भे बेकार भेलै, गान मधुरियाहमरा कीन दिहोॅ, हे जी कीन दिहोॅहमरा रेशम के चोलिया कीन दिहोॅहमरा चाँदी बटनियाँ कीन दिहोॅ॥कम्बल-रेजाय हो॥
पिया: शिक्षा में गुणात्मक सुधार छै करनायुक्ती-अहिबातिन कोय नै खिलखिलाय होशिक्षा सेॅ सर्वांगीन विकास छै करना।राष्ट्ररस्ता ताकी-निर्माण में हे, समर्पित समईयाताकी आँख छलछलराय हो।तोरा कीन देभौं, हाँ जी कीन देभौंतोरा रेशम मटरी माय के चोलिया कीन देभौंतोरा चाँदी बटनियाँ कीन देभौं॥ धनी: कŸो सुन्दर लागतै हे, हमरोॅ भारत देश।हमरा कीन दिहोॅ, हे जी कीन दिहोॅचूड़ी, सिन्दुर, टिकुलिया कीन दिहोॅ॥ पिया: बड़ी उपर जैतै हे, हमरोॅ ई भारत देश।तोरा कीन देभौं, हाँ जी कीन देभौंचूड़ी-सिन्दुर-टिकुलिया कीन देभौं॥ऐलोॅ छै कैह्ने जमाय हो॥
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