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[[Category:हाइकु]]
<poem>
16
नभगंगा की 
माँग भरके  खिला 
 दूल्हा -गगन ।
17
नीलम नभ 
झील में डुबकियाँ
खूब नहाए।
18
नीलम -प्याला 
सोमरस माँगता 
रोज चाँद से ।
19
पाखी चहके 
नभ हुआ मुखर
सन्ध्या-वन्दन ।
20
फैला गगन
चीलें मार झपट्टा 
कबड्डी खेलें।
21
बाहें फैलाए 
है व्याकुल अम्बर 
मेघ न आए ।
22
भरें कुलाँचे 
न थकें तनिक भी 
मेघा-हिरना ।
23
मेघों के हाथी
चिंघाड़ें टकराएँ 
अम्बर काँपे ।
24
व्योम अखाड़े 
ढोल तिड़क-धुम्म 
मेघों की कुश्ती ।
25
सबको देखे 
छुप-छुप करके  
लम्पट नभ ।
26
उड़ा ले गई 
अधूरे रिश्ते- नाते 
बहकी हवा ।
27
उमड़े आँसू 
पोंछकर चल दी
सहेली हवा ।
28
कहती हवा
नहीं कोई पराया
बहते चलो।
29
चंचल हवा
मरोड़े टहनियाँ 
छेड़ती गाछ ।
30
छूकर तन
दे गई  थी  पवन 
उनकी पाती।
<poem>