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प्यार / परवीन शाकिर
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{{KKRachna
|रचनाकार=परवीन शाकिर
|संग्रह=
ख़ुशबू / परवीन शाकिर
}}
{{KKCatNazm}}
<poem>
अब्र-ए-बहार ने
<br>
फूल का चेहरा
<br>
अपने बनफ़्शी हाथ में लेकर
<br>
ऐसे चूमा
<br>
फूल के सारे दुख
<br>
ख़ुश्बू
ख़ुशबू
बन कर बह निकले हैं<
br><br
/poem
>
Sharda suman
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