* [[मन की वीणा को निद्रा में, अभिनव तार सजाने दो! / रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’]]
* [[गधे बन गए, अरबी घोड़े / रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’]]
* [[रौशनी के वास्ते, जल रहा च़िराग है / रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’]]
* [[तुहिन-हिम नभ से अचानक धरा पर झड़ने लगा / रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’]]
* [[अपना है गणतन्त्र महान / रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’]]
* [[गणतन्त्र दिवस पर राग यही दुहराया है / रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’]]
* [[अगर न होती बेटियाँ, थम जाता संसार / रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’]]