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निर्वाह / बबली गुज्जर
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05:36, 4 जून 2022
वह हमारी प्रेम कहानी की कब्र पर कफ़न बन छा गई
मैं सिरे जोड़ने और गांगाँ
बांधने
बाँधने
में, चूकती रही थी सदा
मेरा अपराध सिर्फ प्रेम था, जिसकी मिली फिर सज़ा
वीरबाला
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