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इतना प्यार! / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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06:33, 8 अगस्त 2023
मिलें जितने जन्म
साथ रहना सदा।
60
किसने भेजी
सुगन्ध पिरोकर
भाव- वल्लरी
पास आकर छुआ
वो तुम थी प्राणवायु!!
61
झरती बूँदें
हिमनद उर से
सिंचित प्राण
कोई न होगा वह
केवल तुम्हीं तो हो।
</poem>
वीरबाला
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