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तुमने कहा ए स्त्री!
तुम्हारा कोई रंग नहीं
तुम्हारी कोई जाति, कोई धर्म नहीं
मेरा कोई रंग नहीं?
कोई जाति, कोई धर्म नहीं
तो मैं रंग रहित रंगरहित पानी?
तो मैं तरल, सरल
संवाहक घुलनशीलता का
मैं मात्र पानी,
"मात्र?"
पर पानी तो जीवन दायीजीवनदायी
मात्र पानी,
तो फिर मैं प्रेमिल सदानीरा
क्या फिर कहा रंगरहितरंग-रहित?
हाँ तो मैं अपने तटबंधों को तोड़ती
रंगरहित पानी वाली नदी