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"खेलन चलिये आनँदकन्द / तुलसीदास" के अवतरणों में अंतर
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+ | सखा प्रिय नृपद्वार ठाढ़े बिपुल बालक-बृन्द || | ||
+ | तृषित तुम्हरे दरस कारन चतुर चातक-दास | | ||
+ | बपुष-बारिद बरषि छबि-जल हरहु लोचन-प्यास || | ||
+ | बन्धु-बचन बिनीत सुनि उठे मनहुँ केहरि-बाल | | ||
+ | ललित लघु सर-चाप कर, उर-नयन-बाहु बिसाल || | ||
+ | चलत पद प्रतिबिम्ब राजत अजिर सुखमा-पुञ्ज | | ||
+ | प्रेमबस प्रति चरन महि मानो देति आसन कञ्ज || | ||
+ | निरखि परम बिचित्र सोभा चकित चितवहिं मात | | ||
+ | हरष-बिबस न जात कहि, "निज भवन बिहरहु, तात || | ||
+ | देखि तुलसीदास प्रभु-छबि रहे सब पल रोकि | | ||
+ | थकित निकर चकोर मानहुँ सरद इंदु बिलोकि || | ||
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20:49, 27 जनवरी 2009 के समय का अवतरण
राग नट
खेलन चलिये आनँदकन्द |
सखा प्रिय नृपद्वार ठाढ़े बिपुल बालक-बृन्द ||
तृषित तुम्हरे दरस कारन चतुर चातक-दास |
बपुष-बारिद बरषि छबि-जल हरहु लोचन-प्यास ||
बन्धु-बचन बिनीत सुनि उठे मनहुँ केहरि-बाल |
ललित लघु सर-चाप कर, उर-नयन-बाहु बिसाल ||
चलत पद प्रतिबिम्ब राजत अजिर सुखमा-पुञ्ज |
प्रेमबस प्रति चरन महि मानो देति आसन कञ्ज ||
निरखि परम बिचित्र सोभा चकित चितवहिं मात |
हरष-बिबस न जात कहि, "निज भवन बिहरहु, तात ||
देखि तुलसीदास प्रभु-छबि रहे सब पल रोकि |
थकित निकर चकोर मानहुँ सरद इंदु बिलोकि ||