Changes

"[[रात अन्धेरी में पहाड़ी की डरौनी मूर्ति / बाबू महेश नारायण]]" सुरक्षित कर दिया: कृपया इसमें कोई बदल
रात अन्धेरी में पहाड़ी की डरौनी मूर्ति
कैफ़ियत एक मनोहर थी वह पैदा करती-
:::एक कैफ़ियत मनोहर:::देखें तो होवें शशदर::::सुन्दर भयंकर।
दरख़्तों की हू हू, पबन की लपट,
निशा मय प्रकृति वो कर्कश समय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,340
edits