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"मेरी खाल से बने दस्ताने / अग्निशेखर" के अवतरणों में अंतर

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दस्तानों में छिपे हैं
 
दस्तानों में छिपे हैं

23:47, 31 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

दस्तानों में छिपे हैं
हत्यारों के हाथ
एक दिवंगत आदमी कह रहा है
                हर किसी के सामने जाकर,
ये दस्ताने
मेरी खाल से बने हुए हैं

ख़ुश हैं हत्यारे
कि सभ्य लोग नहीं करते हैं
आत्माओं पर विश्वास